इसीलिये इस बार के आम बजट में किसानों की आमदनी दुगनी करने के लिये सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना करने का फैसला किया है । लेकिन सवाल उठता है कि क्या सरकार का यह सराहनीय क़दम किसानों को अपनी उपज का सही दाम दिला पायेगा ?
कैसे मिले उचित दाम ?
दरअसल , देश के अन्नदाताओँ को उपज का सही दाम मिले , इसके लिये अन्नदाताओं तथा सरकार दोनों स्तरों पर प्रयास किये जाने की आवश्यकता है ।
चूँकि देश में 86 फीसद लघु व सीमांत किसान हैं । ऐसे में संसाधनों के अभाव के चलते दाम हेतु बिचौलियों की रहमोकरम पर निर्भर रहना पड़ता है । वर्तमान में मंडियों के बीच औसत दूरी 70-80 के बीच है । जिसमें उचित वृद्धि की आवश्यकता है ।
खरीद बिक्री प्रणाली में सुधार हेतु पुराने कानूनों में संशोधन कर जीएसटी की तर्ज पर ' एक राज्य एक मंडी कानून ' जैसा प्रावधान किया जा सकता है ।
खरीद बिक्री प्रणाली में सुधार हेतु पुराने कानूनों में संशोधन कर जीएसटी की तर्ज पर ' एक राज्य एक मंडी कानून ' जैसा प्रावधान किया जा सकता है ।
किसानों को उचित दाम दिलाकर ' आर्थिक न्याय ' सुनिश्चित करने में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग कारगर निभा सकता है । इसलिये इससे सम्बन्धित प्रधानमंत्री सम्पदा योजना को ओर तरजीह दिये जाने की जरूरत है ।
इसके अतिरिक्त , वक्त की यह भी माँग है कि किसान गोमूत्र व गोबर के साथ अन्य उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुये जैविक खेती में दिलचस्पी दिखाये । यह क़दम स्वास्थ्य के साथ - साथ पर्यावरण हितैषी भी होगा ।
इसके अतिरिक्त , वक्त की यह भी माँग है कि किसान गोमूत्र व गोबर के साथ अन्य उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुये जैविक खेती में दिलचस्पी दिखाये । यह क़दम स्वास्थ्य के साथ - साथ पर्यावरण हितैषी भी होगा ।
अंत में , हमारे समाधनों को पंख लग सकें , हमें ' माँग आधारित खेती ' पर बल देना होगा । लेकिन इसके लिये किसानों को पूर्व सूचना हेतु अनुभवी पेशेवरों से लेस ' मार्केट इंटेलिजेंस ' की ज़रूर होगी । जो किसानों को समय रहते बता दे कि आने वाले महीनों में किस तरह की उपज की ज्यादा जरूरत होगी ।
देश में 127 जलवायु क्षेत्र हैं जिसमें आवश्यकतानुसार खेती आराम से की जा सकती है।
देश में 127 जलवायु क्षेत्र हैं जिसमें आवश्यकतानुसार खेती आराम से की जा सकती है।
• विनोद राठी
In English
Although the share of agriculture in the country's economy may have fallen from 18 per cent to 16 per cent compared to 2016-17, but 59 per cent of population will not be ignored.
Therefore, in order to double the income of farmers in the general budget of this time, the government has decided to double the minimum support price one and a half times. But the question arises, whether this commendable step of the government will be able to give the farmers the right price for their produce?
How to get fair price?
Actually, the food grains of the country should get the right price for which effort should be made at both food and government levels.
As there are 86 percent small and marginal farmers in the country. In such a situation, due to lack of resources, the intermediaries have to rely on the intermediary for the price. The average distance between the mandis is currently 70-80. In which proper growth is required.
The amendment in the old laws can be made on the basis of GST as 'one state one mandi law' to improve the purchase system.The food processing industry can be effective in ensuring 'economic justice' by giving reasonable prices to the farmers. Therefore, it needs to be given preference to the concerned Prime Minister's estate plan.
In addition, it is also demanding of time that farmers should show interest in organic farming using other available resources along with cow urine and cow dung. This step will also be environment friendly as well as health.
In the end, we will have to focus on 'demand based farming', we have to emphasize on 'demand based farming'. But for this, farmers will be required to lace 'market intelligence' with experienced professionals for prior information. Tell the farmers at the time that what kind of yield will be needed in the coming months.
There are 127 climatic zones in the country where the farming can be done comfortably as per the requirement.
• Vinod Rathee